hello दोस्तों, आज हम बात करने वाले हैं एक ऐसे टॉपिक की जो हर उस शख्स के लिए जरूरी है जो अपने पैसे को समझदारी से बढ़ाना चाहता है - लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट।
ये कोई जटिल चीज नहीं है, बल्कि एक आसान सा तरीका है जिससे तुम अपनी मेहनत की कमाई को लंबे वक्त में बड़ी दौलत में बदल सकते हो। इस आर्टिकल में मैं तुम्हें बिल्कुल दोस्तों की तरह, देसी अंदाज में समझाऊंगा कि long term investment क्या होता है,
ये कैसे काम करता है, इसके फायदे-नुकसान क्या हैं, और इसे शुरू करने का तरीका क्या है।तो चाय का कप उठाओ और चलो चर्चा शुरू करते हैं!
long term investment क्या है?
long term investment का मतलब है अपने पैसे को ऐसी जगह लगाना जहां वो लंबे समय तक - 5 साल, 10 साल, 20 साल, या उससे भी ज्यादा - बढ़ता रहे। ये उस गुल्लक की तरह है जो हम बचपन में सिक्कों से भरते थे, फर्क बस इतना है कि अब ये गुल्लक डिजिटल हो गई है
और इसमें सिक्कों की जगह mutual fund , stocks, या दूसरी चीजें आती हैं। आसान शब्दों में कहें तो ये एक ऐसा प्लान है जिसमें तुम आज थोड़ा सा पैसा डालते हो, और वक्त के साथ वो धीरे-धीरे बड़ा हो जाता है।
long term investment का मतलब रातों-रात अमीर बनना नहीं है। ये उन लोगों के लिए है जो जल्दबाजी में नहीं, बल्कि समझदारी से अपने भविष्य को सुरक्षित करना चाहते हैं।
चाहे वो रिटायरमेंट की तैयारी हो, बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसा जोड़ना हो, या बस एक मोटी रकम तैयार करना हो - ये तरीका हर किसी के लिए है। तो आज हम लंबे समय का निवेश हिंदी में
long term investment क्यों जरूरी है?
दोस्त, आज की दुनिया में हर चीज महंगी होती जा रही है। 20 साल पहले 100 रुपये में जो सामान मिलता था, आज उसकी कीमत 500 रुपये से ऊपर है।
इसे कहते हैं inflation अगर तुम अपने पैसे को बस बैंक में रखोगे, तो उसकी वैल्यू वक्त के साथ कम होती जाएगी long term investment
इसीलिए जरूरी है क्यूंकि ये न सिर्फ तुम्हारे पैसे को बचाता है, बल्कि उसे बढ़ाता भी है।
मान लो, तुम 30 साल के हो और रिटायरमेंट के लिए पैसा जोड़ना चाहते हो। अगर आज से शुरू कर दो, तो 60 की उम्र तक तुम्हारे पास इतना पैसा हो सकता है कि आराम से जिंदगी कट जाए। लेकिन अगर 10 साल बाद शुरू करोगे, तो उतना फायदा नहीं मिलेगा। वक्त ही लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट का सबसे बड़ा दोस्त है।
उदाहरण:
आज एक लीटर दूध की कीमत 60 रुपये है। 20 साल बाद इन्फ्लेशन की वजह से ये 150 रुपये भी हो सकती है। अगर तुम्हारा पैसा नहीं बढ़ा, तो तुम्हारी खरीदने की ताकत कम हो जाएगी। लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट इस चीज़ को बैलेंस करता है।
लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट कैसे काम करता है?
अब सवाल ये है कि ये जादू होता कैसे है? इसके पीछे दो बड़े सिद्धांत काम करते हैं - कंपाउंडिंग और rupee cost averaging इन्हें समझने के लिए थोड़ा दिमाग लगेगा, पर मैं इसे बिल्कुल आसान कर देता हूं।
1. कंपाउंडिंग: पैसा जो पैसा बनाता है
- मान लो तुम हर महीने 1000 रुपये लगाते हो, और उस पर 10% सालाना रिटर्न मिलता है।
- 5 साल बाद: तुम्हारा कुल निवेश 60,000 रुपये होगा, और वैल्यू करीब 77,000 रुपये।
- 20 साल बाद: कुल निवेश 2,40,000 रुपये, और वैल्यू करीब 6,80,000 रुपये।
- 30 साल बाद: कुल निवेश 3,60,000 रुपये, और वैल्यू करीब 22,00,000 रुपये।
2. रुपी कॉस्ट एवरेजिंग: मार्केट के उतार-चढ़ाव का फायदा
- जब मार्केट नीचे होता है, तुम्हारी रकम से ज्यादा यूनिट्स खरीद लेते हो।
- जब मार्केट ऊपर जाता है, कम यूनिट्स मिलती हैं, लेकिन पहले की यूनिट्स की वैल्यू बढ़ जाती है।
- तुम हर महीने 2000 रुपये लगाते हो।
- जनवरी: यूनिट की कीमत 100 रुपये, तो 20 यूनिट्स मिलीं।
- फरवरी: कीमत 80 रुपये, तो 25 यूनिट्स।
- मार्च: कीमत 120 रुपये, तो 16.67 यूनिट्स।
- कुल निवेश: 6000 रुपये, कुल यूनिट्स: 61.67। औसत कीमत: 6000/61.67 ≈ 97 रुपये।
long term investment के options
- mutual fund:
- ये एक ऐसा फंड है जिसमें ढेर सारे लोग पैसा डालते हैं, और एक एक्सपर्ट उसे मार्केट में लगाता है।
- SIP (Systematic Investment Plan) के जरिए हर महीने थोड़ा-थोड़ा डाल सकते हो।SIP के बारे आर्टिकल से समझ सकते है what is SIP in hindi
- equity funds ज्यादा रिटर्न दे सकते हैं, पर रिस्क भी ज्यादा होता है।
stocks:
- कंपनियों के शेयर खरीदना।
- लॉन्ग टर्म में अच्छी कंपनियों के शेयर बंपर रिटर्न दे सकते हैं, पर इसमें मार्केट की समझ होना चाहिए।
PPF (Public Provident Fund):
- ये भी investment option है
- 15 साल का lock-in पीरियड होता है, और इसमें interest भी tax free होता है।
गोल्ड:
- सोना हमेशा से भारतीयों का फेवरेट रहा है।
- गोल्ड ETF या gold bonds भी long term के लिए अच्छे हो सकते हैं।
रियल एस्टेट:
- जमीन या मकान में पैसा लगाना।
- इसमें बड़ा निवेश चाहिए, पर लंबे वक्त में वैल्यू बढ़ती है।
- कंपाउंडिंग का जादू:
- जैसा मैंने बताया, वक्त जितना ज्यादा, पैसा उतना ही बढ़ता है।
- मार्केट के उतार-चढ़ाव से कम डर:
- शॉर्ट टर्म में मार्केट गिरे तो टेंशन होती है, लेकिन लॉन्ग टर्म में ये औसत हो जाता है और ज्यादातर बढ़ता ही है।
- छोटी शुरुआत:
- 500 रुपये महीने से भी शुरू कर सकते हो। जरूरी नहीं कि लाखों रुपये हों।
- अनुशासन:
- हर महीने थोड़ा-थोड़ा डालने से पैसा जोड़ने की आदत पड़ती है।
- बड़ा लक्ष्य:
- चाहे गाड़ी खरीदनी हो, घर बनाना हो, या रिटायरमेंट प्लान करना हो, लॉन्ग टर्म इसमें मदद करता है।
उदाहरण:
- मान लो तुम 25 साल के हो और हर महीने 5000 रुपये SIP में डालते हो। 12% रिटर्न मानो, तो 60 साल की उम्र तक तुम्हारा निवेश 18 लाख होगा, और वैल्यू करीब 1.5 करोड़। ये है long term investment की ताकत।
long term investment के नुकसान
- लंबा वक्त:
- अगर आपको जल्दी पैसा चाहिए, तो ये तरीका आपके लिए नहीं है जैसा के इसके नाम में ही है long term investment लम्बे समय के लिए निवेश
- पेशेंस की जरूरत:
- बीच में डर लगे तो लोग बाहर निकल जाते हैं, और फायदा गंवा देते हैं।
- liquidity कम:
- कुछ ऑप्शन्स जैसे PPF में पैसा लॉक हो जाता है, तो बीच में निकालना मुश्किल होता है।
लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट शुरू करने का तरीका
- लक्ष्य तय करो:
- पहले सोचो कि पैसा क्यों जोड़ना है - रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई, या कुछ और।
- बजट बनाओ:
- हर महीने कितना पैसा बचा सकते हो, वो देखो। 500 से भी शुरू हो सकते है।
- ऑप्शन चुनो:
- म्यूचुअल फंड्स, स्टॉक्स, PPF - जो समझ आए, वो देखो।
- KYC करो:
- आधार, पैन, और बैंक डिटेल्स से ऑनलाइन KYC कर लो।
- शुरू करो:
- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जो भी आपको ठीक लगे या बैंक के जरिए निवेश शुरू कर दो।
उदाहरण:
- मान लो तुम SIP शुरू करना चाहते हो। अपना broker app चुनकर ऐप डाउनलोड करो, KYC के लिए आधार-पैन अपलोड करो, और हर महीने 1000 रुपये ऑटो-डेबिट सेट कर दो। बस, हो गया!
long term investment vs short term investment
पैरामीटर | लॉन्ग टर्म | शॉर्ट टर्म |
|---|---|---|
समय | 5 साल से ज्यादा | 1-3 साल |
रिस्क | शुरू में ज्यादा, बाद में कम | ज्यादा और अस्थिर |
रिटर्न | कंपाउंडिंग से ज्यादा | कम और जल्दी |
उदाहरण | म्यूचुअल फंड्स, PPF और stocks | FD, शॉर्ट टर्म स्टॉक्स |
- शॉर्ट टर्म में तुम 10,000 रुपये FD में डालो, 6% रिटर्न पर 1 साल बाद 10,600 रुपये मिलेंगे।
- लॉन्ग टर्म में वही 10,000 रुपये म्यूचुअल फंड में डालो, 10% रिटर्न पर 10 साल बाद 25,937 रुपये।
लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट में गलतियां
- जल्दबाजी करना: बीच में पैसा निकाल लेते हैं।
- गलत ऑप्शन चुनना: बिना समझे पैसा लगा देते हैं।
- मार्केट का डर: गिरावट देखकर रुक जाते हैं।
- नियमितता न रखना: कभी लगाते हैं, कभी भूल जाते हैं।
- जरूरत से ज्यादा उम्मीद: सोचते हैं कि हर साल दोगुना हो जाएगा।
- एक दोस्त ने SIP शुरू की थी, लेकिन 2 साल बाद मार्केट गिरा तो डर के मारे बंद कर दी। अगर वो रुकता, तो आज उसको return होता।
असल जिंदगी की कहानी: लॉन्ग टर्म का कमाल
- 25 से 55 साल तक (30 साल) उसने 2000 रुपये महीने डाले।
- कुल निवेश: 2000 x 12 x 30 = 7,20,000 रुपये।
- 30 साल बाद वैल्यू: करीब 70 लाख रुपये।
- 35 से 55 तक (20 साल): कुल निवेश 4,80,000 रुपये।
- वैल्यू: करीब 20 लाख रुपये।
राहुल को 10 साल पहले शुरू करने का फायदा मिला। ये है लॉन्ग टर्म की ताकत!
उदाहरण:
- दीवाली में लोग सोना खरीदते हैं और उसे 10-15 साल तक रखते हैं। उसकी कीमत बढ़ती है, और ये लॉन्ग टर्म का एक देसी तरीका है।
long term investment के मिथक
- सिर्फ अमीरों के लिए है: नहीं, 500 रुपये से भी शुरू हो सकता है।
- पैसा डूब जाता है: मार्केट में रिस्क है, पर लंबे वक्त में ज्यादातर फायदा ही होता है और समझकर के किया जाए तो risk कम किया जा सकता है ।
- बहुत समझ चाहिए: बेसिक जानकारी से भी शुरू कर सकते हो पर basic जानकारी ज़रूरी है
- बोरिंग है: ये मजेदार हो सकता है जब तुम अपने पैसे को बढ़ते देखते हो।
long term investment का भविष्य
- आजकल 20 साल के लड़के-लड़कियां भी SIP शुरू कर रहे हैं, जो पहले सोचा भी नहीं जाता था।