दोस्तों, आजकल हर कोई पैसे बचाने और उसे बढ़ाने की बात करता है। लेकिन सवाल ये है कि आम आदमी, जो सुबह 9 बजे ऑफिस जाता है और शाम को 6 बजे थक-हारकर घर लौटता है,
वो अपने पैसों को कैसे बढ़ाए? बैंक में FD करवाओ तो ब्याज कम मिलता है,और शेयर मार्केट में पैसा लगाओ तो डर लगता क्युकी वो सही से आता नहीं है।
ऐसे में एक शानदार तरीका सामने आता है - SIP। अब ये SIP क्या है और ये SIP काम कैसे करती है, इसे मैं तुम्हें अपने देसी अंदाज में समझाता हूं। तो चलिए चर्चा शुरू करते है की SIP क्या है हिंदी में
SIP का मतलब क्या है what is sip investment ?
SIP का फुल फॉर्म है Systematic Investment Plan यानी "नियोजित निवेश योजना"। लेकिन इसे अंग्रेजी में छोड़ो, इसे समझते हैं अपने तरीके से। SIP एक ऐसा तरीका है जिसमें तुम हर महीने थोड़ा-थोड़ा पैसा लगा सकते हो,
जैसे कि पिग्गी बैंक में सिक्के डालते हो। फर्क बस इतना है कि ये इसकी तरह कोई खिलौना नहीं है , बल्कि mutual fund में निवेश का जरिया है। इसमें तुम हर महीने एक fixed रकम डालते हो और वो पैसा धीरे-धीरे बढ़ता जाता है।
मान लो, तुम्हारे पास हर महीने 500 रुपये बचते हैं। अब तुम सोच रहे हो कि 500 रुपये से क्या होगा? लेकिन SIP की खासियत यही है कि ये छोटी रकम को भी बड़ा बनाती है। कैसे? वो आगे समझते हैं।
SIP की शुरुआत कैसे हुई?
SIP कैसे काम करती है?
अब आते हैं असली सवाल पर - ये SIP काम कैसे करती है? इसे समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं। मान लो, तुम हर महीने 1000 रुपये SIP में डालते हो। ये पैसा तुम किसी mutual fund में इनवेस्ट करते हो। mutual fund क्या होता है? अरे, घबराओ मत, इसे भी आसान भाषा में समझाता हूं।
म्यूचुअल फंड एक ऐसा फंड है जिसमें ढेर सारे लोग अपना पैसा डालते हैं। फिर उस पैसे को एक एक्सपर्ट मैनेजर लेता है और share market में इन्वेस्ट करता है
मान लो, तुमने जनवरी में 1000 रुपये डाले। उस वक्त म्यूचुअल फंड की एक यूनिट की कीमत 100 रुपये थी। तो तुम्हें 10 यूनिट्स मिलीं। फरवरी में तुमने फिर 1000 रुपये डाले,
लेकिन मार्केट थोड़ा नीचे गया और यूनिट की कीमत 80 रुपये हो गई। अब तुम्हें 12.5 यूनिट्स मिलीं। मार्च में मार्केट फिर ऊपर गया, यूनिट की कीमत 120 रुपये हो गई, तो तुम्हें 8.33 यूनिट्स मिलीं।
अब देखो, तुमने 3 महीने में 3000 रुपये डाले, और तुम्हारे पास कुल 10 + 12.5 + 8.33 = 30.83 यूनिट्स हो गईं।
अब मान लो, 5 साल बाद उस यूनिट की कीमत 200 रुपये हो गई। तो तुम्हारी 30.83 यूनिट्स की वैल्यू होगी - 30.83 x 200 = 6166 रुपये। यानी 3000 रुपये 5 साल में 6166 रुपये हो गए। ये है SIP की जादूगरी!
SIP का सबसे बड़ा फायदा - Rupee Cost Averaging
SIP की एक खास बात है जिसे कहते हैं Rupee Cost Averaging। इसका मतलब है कि जब मार्केट नीचे जाता है, तुम्हें सस्ते में ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं। और जब मार्केट ऊपर जाता है, तो तुम्हारी पहले की यूनिट्स की वैल्यू बढ़ जाती है।
इस तरह मार्केट के ऊपर-नीचे से तुम्हें नुकसान कम होता है और फायदा ज्यादा। मान लो, तुम एक बार में 12000 रुपये डालते हो और उस वक्त मार्केट नीचे चला जाता है।
तो तुम्हारा सारा पैसा डूब सकता है। लेकिन SIP में ऐसा नहीं है। तुम हर महीने थोड़ा-थोड़ा डालते हो, तो कभी सस्ते में खरीदते हो, कभी महंगे में।
और वो पैसा मार्केट में इनवेस्ट होता है। मार्केट ऊपर-नीचे होता रहता है, लेकिन लंबे वक्त में ये बढ़ता है। और तुम्हारा पैसा भी उसी के साथ बढ़ता है।
compounding का कमाल
SIP शुरू कैसे करें?
अब तुम सोच रहे होगे कि ये तो अच्छा है, लेकिन इसे शुरू कैसे करें? आसान है भाई।
सबसे पहले तुम्हें एक म्यूचुअल फंड चुनना होगा। इसके लिए थोड़ा रिसर्च करो या किसी financial advisor से बात करो।
फिर तुम ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जो sip की सुविधा देता हो उसपर जाकर चालु करा सकते हो। वहां अकाउंट बनाओ, KYC करो (जो आधार और पैन से हो जाता है), और SIP शुरू कर दो। हर महीने तुम्हारी बैंक से ऑटोमैटिक पैसे कट जाएंगे और इनवेस्ट हो जाएंगे।
कितना पैसा लगाएं?
SIP के फायदे
- छोटी शुरुआत: 500 रुपये से भी शुरू कर सकते हो।
- अनुशासन: हर महीने पैसे डालने की आदत पड़ जाती है।
- लंबा फायदा: जितना वक्त दो, उतना बढ़ेगा।
- रिस्क कम: मार्केट के ऊपर-नीचे का असर कम होता है।
SIP के नुकसान
- मार्केट रिस्क: अगर मार्केट लंबे वक्त तक नीचे रहे, तो रिटर्न कम हो सकता है।
- पेशेंस चाहिए: ये रातों-रात अमीर बनाने का तरीका नहीं है।
- फंड चुनने की टेंशन: गलत फंड चुना तो नुकसान हो सकता है।
SIP और lumpsum में क्या फर्क है?
SIP में तुम हर महीने थोड़ा-थोड़ा डालते हो, लेकिन लम्पसम में एक बार में बड़ा अमाउंट डालते हो। SIP सेफ ऑप्शन है,
खासकर उन लोगों के लिए जिनके पास हर महीने फिक्स्ड इनकम है। लम्पसम तब अच्छा है जब तुम्हारे पास ढेर सारा पैसा पड़ा हो और मार्केट नीचे हो।
SIP को लेकर गलतफहमियां
SIP सिर्फ अमीरों के लिए है: नहीं, 500 रुपये से शुरू कर सकते हो।SIP में पैसा डूब जाता है: मार्केट रिस्क है, लेकिन लंबे वक्त में फायदा ही होता है।
SIP एक फंड है: नहीं, SIP तो बस निवेश का तरीका है, फंड अलग चुनना पड़ता है।